7 Life-Changing Lessons from Dr. B.R. Ambedkar

14 अप्रैल 1891 को जन्मे डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें हम बाबासाहेब कहते हैं, केवल भारतीय संविधान के शिल्पकार ही नहीं, बल्कि समानता, न्याय, और मानवता के प्रतीक हैं। उनका जीवन एक ऐसी किताब है, जिसके हर पन्ने से हमें कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। आइए, आज उनके जीवन से प्रेरित 7 सबक जानें, जो हमें बेहतर इंसान और समाज बनाने में मदद करेंगे।
1. शिक्षा है सबसे बड़ा हथियार
बाबासाहेब का बचपन भेदभाव और अपमान से भरा था। स्कूल में उन्हें अलग बैठना पड़ता था, लेकिन उन्होंने शिक्षा को चुना। कोलंबिया और लंदन जैसे विश्वविद्यालयों से डिग्रियाँ हासिल कीं।
सबक: चाहे कितनी भी मुश्किलें हों, शिक्षा आपको हर बाधा से पार ले जाएगी। पढ़ें, सीखें, और आगे बढ़ें!
2. हार न मानें, संघर्ष करें
बाबासाहेब को बार-बार अपमान का सामना करना पड़ा—चाहे वह नौकरी में भेदभाव हो या समाज का तिरस्कार। लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। महाड़ सत्याग्रह और मूकनायक अखबार जैसे कदमों से उन्होंने समाज को चुनौती दी।
सबक: मुश्किलें आएँगी, लेकिन हार मानना कोई विकल्प नहीं। डटकर मुकाबला करें।
3. समानता के लिए लड़ें
बाबासाहेब ने दलितों, महिलाओं, और शोषितों के लिए आवाज उठाई। भारतीय संविधान में उन्होंने हर नागरिक को बराबरी का हक दिया। हिंदू कोड बिल के जरिए महिलाओं के अधिकारों की बात की।
सबक: अन्याय को चुपचाप सहना गलत है। हर इंसान के सम्मान के लिए बोलें और लड़ें।
4. संगठित रहें, एकता में ताकत
बाबासाहेब ने कहा, “शिक्षित बनो, संगठित रहो, संघर्ष करो।” उन्होंने दलितों और शोषितों को एकजुट होने की प्रेरणा दी। चाहे वह अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासंघ हो या बौद्ध धर्म अपनाने का फैसला, एकता उनकी ताकत थी।
सबक: अकेले लड़ना मुश्किल है। अपने समुदाय के साथ मिलकर काम करें।
5. अपने अधिकारों को जानें
बाबासाहेब ने हमें संविधान के जरिए अधिकार दिए—वोट का हक, शिक्षा का हक, और सम्मान का हक। लेकिन उन्होंने यह भी सिखाया कि अधिकार माँगने पड़ते हैं। काला राम मंदिर सत्याग्रह इसका उदाहरण है।
सबक: अपने हकों को समझें और उन्हें हासिल करने के लिए आवाज उठाएँ।
6. विचारों में स्वतंत्र रहें
1935 में बाबासाहेब ने कहा, “मैं हिंदू पैदा हुआ, लेकिन हिंदू मरूंगा नहीं।” 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया, क्योंकि वह जातिवाद और शोषण से मुक्त जीवन चाहते थे। यह उनका साहसी और स्वतंत्र निर्णय था।
सबक: अपने विचारों पर अडिग रहें, चाहे दुनिया कुछ भी कहे। सही रास्ता चुनें।
7. समाज को वापस लौटाएँ
बाबासाहेब ने अपनी जिंदगी समाज को समर्पित कर दी। उन्होंने न केवल दलितों, बल्कि हर वर्ग के लिए काम किया। संविधान, शिक्षा संस्थान, और उनके लेखन आज भी हमें रास्ता दिखाते हैं।
सबक: अगर आपके पास ज्ञान, शक्ति, या संसाधन हैं, तो उन्हें दूसरों की भलाई के लिए इस्तेमाल करें।

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Bhupenddra Singh Raathore (Also Known As Coach BSR) is an entrepreneur, Amazon bestselling author, philanthropist, and life & business strategist. Bhupenddra Singh Raathore is a towering name in the field of training, known for creating miraculous breakthroughs in the lives of people and businesses simultaneously. For more than a decade, millions of people have enjoyed the warmth, humor, and transformational power of Coach BSR’s business and personal development events. Coach BSR is the author of two Amazon bestsellers, including the recent groundbreaking book on 15 Days Public Speaking. CoachBSR has transformed more than 50 lac lives around the world through his live seminars, educational videos, and Online Training.

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