From Rejection to Glory: Leadership Lessons from Shreyas Iyer
हर इंसान की ज़िंदगी में एक वक्त आता है जब उसकी मेहनत को नजरअंदाज किया जाता है, उसका योगदान छोटा दिखाया जाता है, और उसकी काबिलियत पर सवाल उठाए जाते हैं। लेकिन वो लोग जो अंदर से मजबूत होते हैं, वे जानते हैं—
“खामोशी से मेहनत करो, शोर जीतने पर मचाओ!”
कौन हैं श्रेयस अय्यर?
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वही श्रेयस अय्यर जिसने दिल्ली कैपिटल्स को पहली बार फाइनल में पहुंचाया।
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जिसने कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को कप्तानी में ट्रॉफी जिताई।
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लेकिन जीत के बावजूद न उसे रिटेन किया गया, न ही जीत का श्रेय दिया गया। सारा क्रेडिट एक मेंटर को दे दिया गया।
जब दुनिया ने नकारा…
श्रेयस को रिटेन नहीं किया गया। टीम ने उन्हें छोड़ दिया, मीडिया ने उनकी तारीफ नहीं की, लेकिन…
श्रेयस ने हार नहीं मानी!
वो पंजाब किंग्स (PBKS) की टीम में आए, कप्तान बने, और अपने खिलाड़ियों का आगे से नेतृत्व किया।
परिणाम? पंजाब किंग्स फाइनल में पहुंच गई — एक बार फिर, श्रेयस के नेतृत्व में।
इस कहानी से क्या सीखें?
CoachBSR की कोचिंग की तरह, श्रेयस अय्यर की यह यात्रा हमें सिखाती है:
🔑 1. नेतृत्व सिर्फ पद से नहीं, कर्म से होता है।
नेता वही होता है जो आगे बढ़कर टीम को प्रेरित करता है।
🔑 2. लोग क्या कहते हैं, उस पर नहीं—आप क्या करते हैं, उस पर ध्यान दें।
श्रेयस ने जवाब मैदान पर दिया, ना कि सोशल मीडिया पर।
🔑 3. असली विजेता वो है जो हार के बाद भी खड़ा होता है।
अय्यर ने साबित किया — We lost the battle, not the war.
🔑 4. कभी किसी एक नाकामी को अपनी पहचान मत बनने दो।
एक टीम ने छोड़ा, दूसरी में चमके।
🔑 5. शांति से काम करो, सफलता खुद बोलेगी।
कोचिंग, बिज़नेस, या लाइफ — जो लोग सच्चाई से लड़ते हैं, वही असली खिलाड़ी होते हैं।
निष्कर्ष:
अगर आप भी हर अस्वीकृति को अवसर में बदलना चाहते हैं,
अगर आप भी अपनी जिंदगी की कप्तानी खुद करना चाहते हैं,
तो याद रखिए — हर श्रेयस अय्यर के पीछे एक कोच BSR होता है, जो सिखाता है:
“Har Jeet Se Bada Hai Jeetne Ka Jazba!”
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