राजा और चींटी की कहानी || Motivational Story
राजा और चींटी की कहानी
एक बार की बात है, एक छोटी सी चींटी ने अपने जीवन में बहुत बड़ी सफलता हासिल करने के लिए घर से निकली। वह अपने आसपास घूमती और खोजती रहती, लेकिन उसे अपनी सफलता की कुछ खोज नहीं मिली। वह निराश होकर अपने दोस्त चींटियों से मिली और उनसे अपनी बात साझा की
एक दिन वह चींटी एक बुजुर्ग चींटी से मिली, उस बुजुर्ग चींटी ने उसे राजा के दरबार जाने का सुझाव दिया। चींटी ने इस सुझाव को माना और राजा के दरबार में चली गई। वहां पहुंचकर उसने देखा कि राजा एक बहुत बड़ी मुश्किल में फंसा हुआ था। राजा का सबसे छोटा कीमती हीरा गूम हो गया था, चींटी ने राजा से जब पूछा तो राजा ने सारा वाकया बताया. चींटी ने राजा की मदद करने का निर्णय किया और वह राजा के साथ वह हीरा ढूँढने लग गयी।
चींटी अपने छोटे से आकार के कारण वहाँ जा सकती थी, जहां राजा नहीं पहुँच सकता था, इस चीज का फायदा चींटी को मिला, और वो हर छोटी जगह हीरें को ढूँढा और वो हीरा चींटी को मिल गया , राजा ने चींटी की मदद से अपनी मुश्किल समाप्त की और उसे बहुत ही धन्यवाद दिया।
राजा की मदद के बाद, राजा ने चींटी को उसकी सफलता के लिए बहुत बड़ा पुरस्कार दिया। इस घटना से, चींटी ने सीखा कि सफलता का मतलब यह नहीं है कि आपका आकार कितना बड़ा है, आप कितना बड़ा कार्य कर सकते है, आपकी एक छोटी सी मदद भी आपको बड़ी सफलता दिला सकती है
इस कहानी से सीखते हुए, चाहे आकार कितना ही छोटा हो आप वो कर सकते है जो कोई और नहीं कर सकता है, सब में प्रतिभाए अलग हो सकती है और सबको अपनी प्रतिभा के अनुसार ही कार्य करना चाहिए