आपके विचार ही आपकी ताकत है || Law of attraction
आपके विचार ही आपकी ताकत है
दो दोस्त थे….
दोनो में घनिष्ठ मित्र संबंध था….
उनके विचार और कार्य करने की तौर तरीके भी लगभग एक जैसे ही थे । शिक्षा के बाद दोनों ने अपना अपना व्यवसाय शुरू किया और व्यवसाय में तरक्की भी की, किंतु समय की करवट के अनुसार एक समय ऐसा आया जब दोनों का ही व्यवसाय शीर्ष पर जाकर कम होने लगा और दोनों को इस बात की चिंता सताने लगी कि अब इसे पुनः कैसे और वापस बढ़ाया जाए और कैसे इसे उन्नति के साथ ऊपर लाया जाए । दोनों ही इस पर विचार कर रहे थे परंतु एक के विचार सकारात्मक को दिखाने वाले थे जिसमें पूर्व की गई गलतियों में सुधार करके और नवीन आशा संख्याओं को पूरी करने के लिए क्या आवश्यकता है….
उस पर विचार किया गया जबकि दूसरे दोस्त ने सिर्फ इसी पर विचार किया गया कि मेरा के नुकसान हो रहा है या क्यों क्षति हो रही है या इसके अतिरिक्त मेरी किसी भी प्रकार से कोई उन्नति के आसार मुझे दिखाई नहीं दे रहे हैं यही विचार आने लगें तो उसी प्रकार से धीरे-धीरे समय के अनुसार जिस व्यक्ति ने सकारात्मक विचार करके अपनी पूर्व त्रुटियों में सुधार कर और नवीन आवश्यकताओं को पूर्ण करने की गुंजाइश को पैदा किया ….
उसने तो समय के अनुसार उन्नति की किंतु जिसने मात्र निराशा और नकारात्मकता को देखा …ना तो वह तरक्की कर पाया और ना व्यवसाय में स्वयं को आगे बढ़ा पाया बल्कि जो स्थिरता उसमें शेष बची थी उसमे भी नुकसान होते रहे तो कहने का अभिप्राय है कि हम जैसा विचार करते हैं वैसे ही आशंकाएं हमारे सामने दिखाई देती है। हमारे विचार ही हमें नए विचारों की ओर ले जाते हैं जो की कार्य को प्रगति देने के लिए अति आवश्यक है अब यह हमारे ऊपर निर्भर करता है कि हम हमारे विचारों को कैसे दिशा देना चाहते हैं हम उसे कैसे नवीन और आने वाली आशंकाओं को पूर्ण कर सकते हैं यह हम पर निर्भर करता है
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