It’s Okay

हम अक्सर खुद पर बहुत ज्यादा दबाव डालते हैं कि हमें हमेशा सही होना चाहिए, सभी को खुश रखना चाहिए और हर समय मजबूत बने रहना चाहिए। लेकिन सच तो यह है कि “ना” कहना, गलतियाँ करना, कुछ लोगों से दूर होना, उदास महसूस करना और ब्रेक लेना पूरी तरह से सामान्य और ज़रूरी है। ये चीजें हमें मानसिक रूप से मजबूत और संतुलित बनाए रखती हैं। आइए इन बातों को थोड़ा गहराई से समझते हैं।

1️⃣ “ना” कहना ठीक है – (It’s okay to say NO)

“ना” कहना किसी को ठुकराना नहीं, बल्कि खुद को प्राथमिकता देना है।

हममें से कई लोग दूसरों को खुश करने के लिए उनकी हर बात मान लेते हैं, भले ही वह हमारे लिए सही न हो। लेकिन हर किसी को खुश करना संभव नहीं है।

✅ अपने विचारों और जरूरतों को प्राथमिकता दें।
✅ जब ज़रूरी हो, तो बिना अपराधबोध के “ना” कहें।
✅ जो चीजें आपके सिद्धांतों या आराम के खिलाफ हों, उन्हें मना करना सीखें।

जब आप “ना” कहना सीखते हैं, तो आप अपने समय और ऊर्जा का बेहतर उपयोग कर पाते हैं।

2️⃣ गलतियाँ करना ठीक है – (It’s okay to make mistakes)

“गलतियाँ हमें गिराने के लिए नहीं, बल्कि सिखाने के लिए होती हैं।”

गलतियाँ करना जीवन का हिस्सा है। कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता, और हर गलती हमें कुछ नया सिखाती है।

✅ अपनी गलतियों को स्वीकार करें और उनसे सीखें।
✅ गलती करने के बाद खुद को कोसने के बजाय आगे बढ़ने पर ध्यान दें।
✅ दूसरों की गलतियों को भी समझें और उन्हें माफ करें।

गलतियाँ हमें कमजोर नहीं, बल्कि और अधिक अनुभवी बनाती हैं।

3️⃣ कुछ लोगों से दूरी बनाना ठीक है – (It’s okay to unfriend people)

“सभी लोग आपके जीवन में हमेशा बने रहने के लिए नहीं होते।”

हर रिश्ता हमेशा नहीं चलता। कुछ लोग हमारे जीवन में सबक सिखाने के लिए आते हैं, और जब उनका समय पूरा हो जाता है, तो उनसे दूरी बनाना ज़रूरी हो जाता है।

✅ जो लोग नकारात्मकता फैलाते हैं, उनसे दूर रहें।
✅ जिन रिश्तों में आपको सिर्फ तकलीफ मिलती है, उन्हें छोड़ना सीखें।
✅ खुद को उन लोगों से घेरें जो आपको समझते हैं और सपोर्ट करते हैं।

कभी-कभी, कुछ लोगों को जाने देना ही आपकी खुशी और मानसिक शांति के लिए सबसे अच्छा फैसला होता है।

4️⃣ उदास महसूस करना ठीक है – (It’s okay to feel sad)

“हर दिन अच्छा नहीं हो सकता, और यह पूरी तरह से ठीक है।”

हमेशा खुश रहना संभव नहीं है। दुख भी एक भावना है, और इसे महसूस करना ज़रूरी है।

✅ उदासी को दबाने के बजाय उसे स्वीकार करें।
✅ जब मन भारी हो, तो खुद को समय दें और भावनाओं को समझें।
✅ जरूरत हो तो किसी अपने से बात करें या जर्नल लिखें।

खुशी और ग़म, दोनों जीवन का हिस्सा हैं। ग़म के बिना खुशी की कीमत समझ नहीं आती।

5️⃣ ब्रेक लेना ठीक है – (It’s okay to take time out)

“रुकना कमजोरी नहीं, बल्कि खुद को बेहतर बनाने का तरीका है।”

हमेशा भागते रहने की ज़रूरत नहीं है। कभी-कभी रुककर खुद को समय देना भी ज़रूरी होता है।

✅ जब जरूरत महसूस हो, तो ब्रेक लें और खुद पर ध्यान दें।
✅ बिना अपराधबोध के आराम करें और खुद को रीचार्ज करें।
✅ काम और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाए रखें।

ब्रेक लेना आपको कमजोर नहीं, बल्कि और अधिक ऊर्जावान और स्पष्ट सोचने वाला बनाता है।

🔹 निष्कर्ष:

👉 “ना” कहना आत्म-सम्मान है।
👉 गलतियाँ करना सीखने का तरीका है।
👉 कुछ लोगों से दूर होना मानसिक शांति के लिए ज़रूरी है।
👉 उदास महसूस करना एक सामान्य भावना है।
👉 ब्रेक लेना खुद को समझने और सुधारने का अवसर है।

💡 तो अगली बार जब आप इन चीजों को लेकर खुद को दोषी महसूस करें, तो याद रखें – यह सब पूरी तरह से ठीक है! खुद को स्वीकार करें, खुद से प्यार करें, और अपने जीवन को खुशी और शांति से जिएं।

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Bhupenddra Singh Raathore (Also Known As Coach BSR) is an entrepreneur, Amazon bestselling author, philanthropist, and life & business strategist. Bhupenddra Singh Raathore is a towering name in the field of training, known for creating miraculous breakthroughs in the lives of people and businesses simultaneously. For more than a decade, millions of people have enjoyed the warmth, humor, and transformational power of Coach BSR’s business and personal development events. Coach BSR is the author of two Amazon bestsellers, including the recent groundbreaking book on 15 Days Public Speaking. CoachBSR has transformed more than 50 lac lives around the world through his live seminars, educational videos, and Online Training.

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