Digital Literacy in the 21st Century
“आज की दुनिया में साक्षर वही नहीं जो पढ़-लिख सकता है, बल्कि वह है जो डिजिटल भाषा समझ सकता है।”
1. परिचय: डिजिटल युग में नया ज्ञान
21वीं सदी सूचना और तकनीक का युग है।
हमारे जीवन का हर पहलू — शिक्षा, बैंकिंग, व्यापार, स्वास्थ्य, यहाँ तक कि रिश्ते भी — अब डिजिटल दुनिया से जुड़े हैं।
ऐसे समय में डिजिटल साक्षरता (Digital Literacy) केवल एक कौशल नहीं, बल्कि जीवन की बुनियादी आवश्यकता बन चुकी है।
डिजिटल साक्षर होना मतलब है —
सिर्फ़ मोबाइल चलाना नहीं, बल्कि सही जानकारी को पहचानना, उपयोग करना, और सुरक्षित रहना।
2. डिजिटल साक्षरता का अर्थ क्या है?
डिजिटल साक्षरता का अर्थ है —
“डिजिटल उपकरणों (Mobile, Laptop, Internet) का प्रभावी, सुरक्षित और रचनात्मक उपयोग करने की क्षमता।”
इसमें शामिल हैं:
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इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग
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डिजिटल जानकारी की सत्यता पहचानना
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ऑनलाइन संवाद का शिष्टाचार
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ई-पेमेंट, ई-लर्निंग और ई-गवर्नेंस की समझ
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डेटा सुरक्षा और गोपनीयता का ध्यान रखना
3. क्यों ज़रूरी है डिजिटल साक्षरता?
🔹 (क) रोजगार और करियर के लिए
आज लगभग हर नौकरी में डिजिटल कौशल की मांग है — चाहे आप शिक्षक हों, दुकानदार हों, या किसान।
डिजिटल साक्षर व्यक्ति ऑनलाइन मार्केटिंग, फ्रीलांसिंग, ई-कॉमर्स जैसे नए अवसरों का लाभ उठा सकता है।
🔹 (ख) शिक्षा के लिए
ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म, डिजिटल क्लासरूम और AI टूल्स ने शिक्षा की सीमाएँ तोड़ दी हैं।
जो छात्र डिजिटल साक्षर हैं, वे सीखने की गति और दिशा दोनों नियंत्रित कर सकते हैं।
🔹 (ग) समाज और शासन के लिए
सरकार की लगभग हर सेवा अब डिजिटल माध्यम से जुड़ी है — Aadhaar, UPI, DigiLocker, e-Governance आदि।
इसलिए नागरिक के रूप में डिजिटल साक्षरता सक्रिय भागीदारी और पारदर्शिता दोनों को बढ़ाती है।
4. डिजिटल साक्षरता के मुख्य स्तंभ
1. तकनीकी दक्षता (Technical Proficiency)
उपकरणों का उपयोग समझना — जैसे मोबाइल, ईमेल, ज़ूम, गूगल टूल्स आदि।
2. डिजिटल सुरक्षा (Cyber Safety)
पासवर्ड, OTP, डेटा प्राइवेसी, फिशिंग से बचाव — इनका ज्ञान अत्यंत आवश्यक है।
3. सूचना साक्षरता (Information Literacy)
हर ऑनलाइन जानकारी सही नहीं होती।
डिजिटल साक्षर व्यक्ति फेक न्यूज़ और सत्य जानकारी में फर्क करना जानता है।
4. डिजिटल नैतिकता (Digital Ethics)
ऑनलाइन व्यवहार में सम्मान, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी बनाए रखना।
5. भारत में डिजिटल साक्षरता की स्थिति
भारत में Digital India Mission के अंतर्गत लाखों लोगों को डिजिटल शिक्षा दी जा रही है।
पर अभी भी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच बड़ा अंतर है।
हर व्यक्ति तक डिजिटल ज्ञान पहुँचाना — एक सामाजिक जिम्मेदारी बन चुकी है।
6. डिजिटल साक्षर बनने के सरल उपाय
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हर दिन 15 मिनट नई डिजिटल चीज़ सीखें (जैसे कोई नया ऐप या टूल)।
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परिवार के बुजुर्गों और बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में समझाएँ।
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YouTube या सरकारी वेबसाइटों से डिजिटल प्रशिक्षण लें।
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सोशल मीडिया पर सोच-समझकर पोस्ट करें।
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अपने डेटा और पासवर्ड की सुरक्षा करें।
7. डिजिटल साक्षरता का भविष्य
AI, Automation और Virtual Reality के इस दौर में डिजिटल साक्षरता अब डिजिटल इंटेलिजेंस में बदल रही है।
भविष्य में “पढ़ा-लिखा व्यक्ति” वह होगा जो तकनीक को समझता और नियंत्रित करता हो, न कि सिर्फ़ उसका उपयोग करता हो।
8. निष्कर्ष: सशक्त भारत की दिशा में डिजिटल साक्षरता
डिजिटल साक्षरता सिर्फ़ सुविधा नहीं, बल्कि सशक्तिकरण है।
यह हर नागरिक को जानकारी, अवसर और आत्मनिर्भरता देती है।
“जिस देश के नागरिक डिजिटल रूप से सशक्त होंगे, वही देश 21वीं सदी का नेतृत्व करेगा।”
तो आइए —
आज से ही डिजिटल साक्षरता को अपनाएँ,
और बनें 21वीं सदी के डिजिटल नागरिक। 🌏💻
