बढ़ती हुई महत्वाकांक्षाएं और बदलता हुआ सामाजिक परिवेश
बढ़ती हुई महत्वाकांक्षाएं और बदलता हुआ सामाजिक परिवेश
बढ़ती हुई महत्वाकांक्षाएं और बदलता हुआ सामाजिक परिवेश जितना जीवन को सरल बनाने की इच्छाएं रखता है उतना ही जटिलताओं को बनाए जा रहा है मुख्यतः आजकल का युवा जो की एक समय पर अनेकों कार्य करने की इच्छा रखता है और इन कार्यों से ही जो महत्वाकांक्षा उत्पन्न हो रही है जब उन महत्वाकांक्षाओं को पूर्णता प्राप्त नहीं होती है तो उसे जो हताशा प्राप्त होती है उससे वह कहीं ना कहीं उस अंधकार की और अग्रसर है जहां से निकलना सहज भी है किंतु कभी-कभी इतना हताश हो जाता है कि हम वापसी कर ही नहीं पाते हैं और यह सिर्फ इसलिए है क्योंकि हमारी योजनाओं में कहीं ना कहीं सुधार अभी बाकी है….
हम योजनाओं को यथार्थ की पृष्ठभूमि पर न रखकर मात्र कल्पना से ही पूर्ण करने की इच्छाएं रख रहे हैं जो की असफलता की ओर जाने का मार्ग प्रशस्त करती है जबकि अगर हमें सफलता की ओर जाना है तो हमारी योजनाएं इतनी सटीक और यथार्थ को परिलक्षित करने वाली होनी चाहिए कि हमें उसके परिणाम पूर्व में ही प्राप्त करने के अनुमान लगाए जा सके और उसे किस प्रकार उपयोग में लाना है उसकी हमें जानकारी हो और साथ ही अपने विचारों और मन मस्तिष्क को एक सकारात्मक पथ पर ले जाना भी आवश्यक है क्योंकि सफल होने की तैयारी तो सभी करते हैं किंतु असफल होने के बाद असफलता को कैसे स्वीकार करना है फिर पुनः कैसे सफलता की तैयारी करनी है यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है । क्योंकि जब हमें हमारी सफलताएं प्राप्त नहीं होती है तो हमारी क्या गलतियां रहती है…
हमने क्या करना चाहिए हम क्या कर सकते थे …
हमारी योजनाओं में क्या सुधार हो सकता था …
हमारे जीवन शैली क्या थी इस पर अनेक विचार आपको बताने वाले कोई ना कोई मिल जाएंगे किंतु अब आपको क्या करना चाहिए…
अब आपकी योजनाएं क्या होनी चाहिए…
हमने जो गलतियां की है उसमें क्या सुधार किया जा सकता है …
यह किसी भी प्रकार से हमारे जो भावनात्मक उतार-चढ़ाव है उसमें संतुलन करके हमें कैसे आगे बढ़ाना है यह हमें कोई नहीं बताएगा और इस समय हमारी मदद करने के लिए सबसे बड़ा जिसका योगदान रहेगा वह हम खुद ही होंगे क्योंकि हमें तैयारी सिर्फ इसलिए नहीं करनी है कि सफल हो गए तो आगे क्या करना है हमें तैयारी इसकी भी करनी है कि कहीं ना कहीं अगर असफलता हाथ आई है तो पुनः लगन के साथ तैयार होकर हर असफलता से सीख कर सफलता की अगले कदम को पार करना कैसे हैं यह बहुत जरूरी है ।
कभी-कभी बहुत आगे जाने के लिए थोड़ा पीछे आ जाना पड़ता है और यह पीछे आना चार कदम आगे बढ़ाने जैसा हो वह हमारी तैयारी हमारे कार्य करने और हमारे अनुशासन पर निर्भर करता है
Good
छोटा था तब एक सपना देखा था बिल गेट्स बनना है और खूब पैसा कमाना है और अच्छे अच्छे काम करने है बिल गेट्स की तरह दुनिया का सबसे अमीर आदमी जिसने अपनी सम्पति को कई बार दान में दे दिया सपना अब भी वोही है लेकिन रास्ता नहीं आज age 34 हो गई है लेकिन में करूँगा है यकीन मुझे होगा जरूर होगा कैसे पता नहीं
किसी भी एक लक्ष्य पर कार्य कीजिये, सफलता अवश्य मिलेगी.
जबरदस्त👌👌