Happiness Isn’t Found-It’s Created
खुशियाँ कोई जगह नहीं होती, जहां हम पहुँचते हैं।
वो एक “स्थिति” होती है — जिसे हम अपने विचारों, आदतों और नज़रिया से बनाते हैं।
लोग सोचते हैं कि अगर उन्हें बेहतर नौकरी मिल जाए, कोई रिश्ता ठीक हो जाए, ज्यादा पैसा आ जाए — तब वो खुश होंगे।
लेकिन असल में, खुशियाँ किसी उपलब्धि का परिणाम नहीं होतीं।
वो हमारी सोच, हमारी स्वीकृति, और हमारे भीतर के संतुलन से पैदा होती हैं।
खुशियों को कैसे बनाया जाता है?
1. स्वीकार करना सीखें (Acceptance)
आपका वर्तमान जैसा भी है, उसे स्वीकार करें।
Acceptance से शांति आती है, और शांति से खुशियाँ।
2. ध्यान अंदर ले जाएँ (Inner Reflection)
खुशियाँ तब नहीं मिलती जब आप दुनिया बदलने की कोशिश करते हैं।
वो तब मिलती हैं जब आप खुद को समझते और संवारते हैं।
3. कृतज्ञता (Gratitude)
हर दिन उन चीजों के लिए शुक्रगुज़ार हों जो आपके पास हैं —
स्वास्थ्य, परिवार, सूरज की रौशनी, हवा की ठंडक…
छोटी-छोटी चीज़ें भी जब देखी जाएँ, तो वो बड़ी खुशी बन जाती हैं।
4. स्वयं से दोस्ती करें (Be Your Own Source)
खुश रहने के लिए दूसरों पर निर्भर मत रहिए।
अपने अंदर इतनी ऊर्जा, रचनात्मकता और सादगी लाइए कि खुशी खुद ब खुद उभरे।
सफलता तब अधूरी है, जब उसमें खुशी न हो।
CoachBSR हमेशा कहते हैं —
“खुशी कोई मंज़िल नहीं, ये तो सफ़र को खूबसूरत बनाने का तरीका है।”
निष्कर्ष:
मत ढूँढिए खुशी को, उसे बनाइए।
अपने विचारों, अपने कर्मों और अपनी जीवन दृष्टि से।
क्योंकि जब आप भीतर से संतुष्ट होते हैं, तभी बाहर की दुनिया भी सुंदर लगती है।